न्यूट्रीचार्ज एस 5 के फायदे
निजेला सटाइवा (ब्लैक सीड ऑयल) का उपयोग पारंपरिक उपचार में 2000 से भी अधिक वर्षों से किया जा रहा है। सूजन-रोधी, एंटी-ऑक्सीडेंट और इम्यूनिटी बढ़ाने वाले गुणों से भरपूर होने के कारण, यह हृदय, नर्वस सिस्टम, त्वचा के संक्रमण, प्रजनन-तंत्र, श्वसन-तंत्र, पाचन-तंत्र और हड्डियों व जोड़ों से सम्बंधित विभिन्न बीमारियों के इलाज में लाभकारी है। यह खराब कॉलेस्ट्रॉल (एलडीएल), ट्राइग्लिसराइड्स, रक्तचाप, और रक्त शर्करा के स्तर को थामता है। इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद के अनुसार यह ‘मौत को छोड़कर हर बीमारी का उपाय है’।
ओसिमम (तुलसी) ब्लेंड चार प्रकार की तुलसी का एक अनूठा संयोजन है। तुलसी को इसके औषधीय गुणों के कारण ‘जड़ी-बूटियों की रानी’ माना जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स व इम्यूनिटी बढ़ाने वाले व शारीरिक व मानसिक तनाव घटाने वाले गुण होते हैं जो त्वचा के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं व खांसी, सर्दी और बुखार से बचाते हैं। तुलसी का ऑयल बैक्टीरिया के संक्रमण, एलर्जी, बुखार, दर्द और तनाव से भी बचाता है।
एज़ाडिरेक्टा इंडिका (नीम): एक शोधक के रूप में, नीम रक्त को साफ़ करने के लिए जाना जाता है। नियमित रूप से नीम का सेवन लिवर में मौज़ूद विषाक्त पदार्थों को शरीर से निकाल देता है। नीम में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं और यह रक्त में कॉलेस्ट्रॉल और शर्करा के स्तर को नियमित रखने में मदद करता है। नीम त्वचा के कायाकल्प में भी मदद करता है।
एलो बारबाडेनसिस (एलोवेरा) एक्सट्रेक्ट एक डिटॉक्सिफायर है और विटामिन्स व मिनरल्स का एक समृद्ध स्रोत है। एंटी-एजिंग गुणों के कारण इसका उपयोग त्वचा को स्वस्थ, उम्र के अनुरूप युवा और चमकदार रखने के लिए किया जाता है। यह कब्ज़ दूर करता है और पाचन तंत्र को साफ करता है।
मेंथा स्पिकाटा (पुदीना) इसका उपयोग अपच, गैस एसिडिटी आदि पेट की बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है।
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