ईद की नमाज़ का आसान तरीक़ा।
1)ईद की नमाज़ वाजिब है।
2)इसका वक्त सूरज निकलने के 20 मिनट बाद से शुरू हो जाता है,और ज़वाल तक रहता है।
3) ईद की नमाज़ में छः तकबीरे ज़्यादा होती है।
4) जिस शहर व गांव मे जुमे की नमाज़ होती है वहां ईद की नमाज़ हो जाती है, मस्जिद में भी और घर में भी।
5) ईद की नमाज़ में न अज़ान होती है न तकबीर।
6) ईद की नमाज़ पढने का तरीका ये है कि :
पहले नियत करें कि ईदुल फ़ित्र की नमाज़ पढ़ रहा हूं ( दिल से यही इरादा कर लें तो काफ़ी है,ज़बान से भी कह लें तो बेहतर है)
इसके बाद सना सुब्हानकल्ल्आहुम्मा आहिस्ता से पढ़ें,इमाम भी और सभी मुक़तदी भी।
सना पढ़ने के बाद तीन बार हाथ उठाकर अल्लाहु अकबर कहें, इमाम ज़ोर से कहें और मुक़तदी आहिस्ता।
इसमें पहले दो अल्लाहु अकबर के बाद हाथ छोड़ दे, तीसरे अल्लाहु अकबर के बाद हाथ बांध लें।
अब इमाम सूरा फ़ातिहा और कोई भी सूरत पढ़ें,ये पढ़कर आम नमाज़ो की तरह रूकु व दो सजदे करें।
सजदे के बाद दूसरी रकात के लिए खड़े हो जायें।
दूसरी रकात में इमाम पहले सूरा फ़ातिहा पढ़ें, फिर कोई भी सूरत, इसके बाद चार मर्तबा अल्लाहु अकबर कहें, इमाम ज़ोर से,और मुक़तदी आहिस्ता।
इनमें तीन बार कानों तक हाथ ले जाकर छोड़ दें,चौथी मर्तबा अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकु में चले जायें।
इसके बाद आम नमाज़ की तरह दो सजदे करें, अत्तिहिय्यात( तशह्हुद) पढ़ें, दरूद पढ़ें और सलाम फेर दें।
सलाम के बाद दुआ करें, दुआ के बाद इमाम ख़ुत्बा दे।
7) पहले ख़ुत्बे के शुरू में नौ मर्तबा अल्लाहु अकबर कहें, फिर सूरा फ़ातिहा पढ़ें, इन्नाआतयना, या क़ुलहुवल्लाह जो भी सूरत याद हो पढ़ें, फिर दरूद शरीफ पढ़ें एक ख़ुत्बा हो गया।
दूसरे ख़ुत्बे में शूरू मे अल्लाहु अकबर कहें, फिर अल्हमदु लिल्लारब्बिल आलमीन कहें सिर्फ इतना ही,पूरी सूरत नहीं, फिर दरूद शरीफ पढ़ें, फिर कोई छोटी सूरत या आयत जो याद हो पढ़ें।
बस ख़ुत्बा हो गया, और नमाज़ भी हो गयी।
हर मुसलमान नमाजी इसे पढ़ा सकता है।
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