आइसोलेशन में
कोरोना मरीज की पुकार
रूठी होगी मुझसे मेरी दिलरूबा
हर लम्हा गुजरता, सदियो की तरह
कर रहम हम पर तू अब बराऐ खुदा
है तेरे साथ में बड़ी बदनामिया
देख हमसे तू करले खतम राबता
यह मेरी जिन्दगी है शक्की बड़ी
सोच कुछ और वो हो न जाये खफा
गर तेरे साथ कुछ दिन मै ऐसै रहा
ए जलन कर न डाले हमको जुदा
क्या करूं हूं नवाजिश मजबूर मै
कैसे पहुचाऊं उसतक मै अपनी सदा
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