●जीने की कला●
मैंने अपने एक 50 वर्ष पार कर चुके दोस्त से पूछा कि वह अपने जीवन में किस तरह का बदलाव महसूस कर रहा है?
उसने मुझे निम्नलिखित बहुत दिलचस्प पंक्तियाँ भेजीं...
•मेरे माता-पिता, मेरे भाई-बहनों, मेरी पत्नी, मेरे बच्चों, मेरे दोस्तों से प्यार करने के बाद, अब मैं खुद से प्यार करने लगा हूं।
•मुझे अब एहसास हुआ कि मैं "एटलस" नहीं हूं। दुनिया मेरे कंधों पर टिकी नहीं है।
•मैंने अब सब्जियों और फलों के विक्रेताओं के साथ सौदेबाजी बंद कर दी। आखिरकार, कुछ रुपए अधिक देने से मेरी जेब में कोई छेद नहीं होगा, लेकिन इससे इस गरीब को अपनी बेटी की स्कूल फीस भरने में मदद मिल सकती है।
•मैं अब बची चिल्लर का इंतजार किए बिना टैक्सी चालक को भुगतान करता हूं। अतिरिक्त धन उसके चेहरे पर एक मुस्कान ला सकता है। आखिर वह मेरे मुकाबले जीने के लिए बहुत मेहनत कर रहा है।
•मैंने बुजुर्गों को यह बताना बंद कर दिया कि वे पहले ही कई बार उस कहानी को सुना चुके हैं। आखिर वह कहानी उनकी अतीत की यादें ताज़ा करती है और जिंदगी जीने का हौसला बढाती है।
•कोई इंसान अगर गलत भी हो तो मैंने उसको सुधारना बंद कर दिया है, आखिर सबको परफेक्ट बनाने की जिम्मेदारी मुझ पर ही थोड़े है। ऐसे परफेक्शन से शांति अधिक कीमती है।
•मैं अब सबकी तारीफ बड़ी उदारता से करता हूं। यह न केवल तारीफ प्राप्तकर्ता की मनोदशा को उल्हासित करता है, बल्कि यह मेरी मनोदशा को भी ऊर्जा देता है!
•अब मैंने अपनी शर्ट पर क्रीज या स्पॉट के बारे में सोचना और परेशान होना बंद कर दिया है। मेरा अब मानना है की दिखावे के अपेक्षा व्यक्तित्व ज्यादा मालूम पड़ता है।
•मैं उन लोगों से दूर ही रहता हूं जो मुझे महत्व नहीं देते। आखिरकार, वे मेरी कीमत नहीं जान सकते, लेकिन मैं वह बखूबी जनता हूँ।
•मैं तब शांत रहता हूं जब कोई मुझे "चूहे की दौड़" से बाहर निकालने के लिए गंदी राजनीति करता है। आखिरकार, मैं कोई चूहा नहीं हूं और न ही मैं किसी दौड़ में शामिल हूं।
•मैं अपनी भावनाओं से शर्मिंदा ना होना सीख रहा हूं, आखिरकार, यह मेरी भावनाएं ही हैं जो मुझे मानव बनाती हैं।
•मैंने सीखा है कि किसी रिश्ते को तोड़ने की तुलना में अहंकार को छोड़ना बेहतर है। आखिरकार, मेरा अहंकार मुझे सबसे अलग रखेगा जबकि रिश्तों के साथ मैं कभी अकेला नहीं रहूंगा।
•मैंने प्रत्येक दिन ऐसे जीना सीख लिया है जैसे कि यह आखिरी हो। क्या पता, आज का दिन आखिरी हो!
सबसे महत्वपूर्ण–
•मैं वही काम करता हूं जो मुझे खुश करता है। आखिरकार, मैं अपनी खुशी के लिए जिम्मेदार हूं, और मै उसका हक़दार भी हूँ। 🌹
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